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कोविड-19 के साथ ब्लैक फंगस का कहर।

कोविड-19 के साथ ब्लैक फंगस का कहर। और कितनी जानें लेगी प्राकृतिक आपदा? ■ शकील अहमद सैफ भारत में कोविड-19 अभी जारी है। नित्य प्रतिदिन हजारों लोगों को कोरोना वायरस निगल रहा है, ऐसे में ब्लैक फंगस ने और अपना क्रूर पंजा फैला दिया है। इस नई बीमारी की दस्तक ने एक और डर का माहौल बढ़ा दिया है, सूत्रों के अनुसार अभी ब्लैक फंगस की दवाइयां अस्पतालों में उपलब्ध नहीं हो पाई है। प्रकृति का यह कहर मानव जाति को और कितना झेलना पड़ेगा,इस प्रश्न का उत्तर आज कोई देने को तैयार नहीं है, न सरकार, न वैज्ञानिक, न डॉक्टर,न भारत के महान ज्योतिष शास्त्री, न भविष्यवक्ता और न ही कोई धर्मगुरु न पीर- फकीर जबकि धर्मगुरुओ,पीर-फकीरो, ज्योतिष शास्त्रीयों के पास दुनिया की हर समस्या का समाधान,टोना टोटका,यंत्र मन्त्र,व दुआओं के द्वारा सदैव मौजूद रहा है। कुल मिलाकर चारों ओर निराशा ही निराशा का खौफनाक मंजर है। बढ़ते लॉकडाउन में एक ही सवाल, क्या होगा, कैसे होगा,क्या भविष्य में सब ठीक हो पाएगा क्या हम पहली तरह आजादी से विचरण कर पाएंगे क्या हमारे कारोबार,नौकरियां पूर्व की भांति चल पाएगी...आदि आदि। ऐसे मंजर में लोगों का सरकारी तंत

सर्वशक्तिमान कोविड-19 उर्फ कोरोना प्रभु....के दरबार का आखों देखा हाल!

सर्वशक्तिमान कोविड-19 उर्फ कोरोना प्रभु....के दरबार का आखों देखा हाल! ■ शकील अहमद सैफ वैसे तो आजकल दिन में भी सपनें आने लगे हैं। लेकिन रात को मेरे सपनें में दुनिया भर की महाशक्तियों को धूल चटाने,बड़े-बड़ो को पानी पिलाने वाले कोरोना वायरस उर्फ कोविड-19 महाराज ने दर्शन दिये। चमगादड़ रूपी रथ पर सवार कोरोना महाराज बहुत ही भयानक रूप में नज़र आ रहें थे,बड़ा ही डरावना दृश्य था, दुनिया भर के सर्वशक्तिमान लगभग 2000 से अधिक धर्मों के संचालक वहां हाथ बांधे खड़े थे, सबकी एक ही गुहार रहम करो कोरोना हमारे पेट पर क्यों लात मार रहें हो,हमनें सदियों मेहनत कर अपने अपने धर्मगुरु पैदा किए हैं, आपके प्रकोप के बाद हमारी विश्वसनीयता घट रही है, लोग धार्मिक स्थलों से ज्यादा अस्पतालों में दान देने की मुहिम चलाने लगें है,हमारे समर्थक बेरोजगार हो गए है, कुछ तो रहम खाओ.... सच बता रहा हूँ,मेरी सर्व शक्तिमान कोरोना को देखते ही सिटी- पिटी गुम हो गई। कोविड-19 बड़ी भयानक हँसी के साथ बोला,क्यों क़लम के दुश्मन मज़ा आ रहा है ना, मेरी तो हालत पहले ही खराब हो चुकी थी, मैं मन ही मन अपना अंतिम समय मान कोविड रूपी कोरोना महादेव की जय जय